Wednesday, August 17, 2011

किस्मत वाले होते हैं ऐसे लोग, जिनकी कुंडली में...


अब तक आपने पिछले लेखों में पढ़ा मेष लग्न की पत्रिका में सूर्य के लग्न भाव या द्वितीय भाव में हो तो व्यक्ति के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है... अब पढि़ए मेष लग्न की पत्रिका में सूर्य यदि तृतीय भाव में हो तो व्यक्ति का जीवन कैसा रहता है...

भृगु संहिता के अनुसार तृतीय भाव मिथुन राशि सूर्य के पराक्रम का स्थान माना जाता है। अत: जिस व्यक्ति की कुंडली में इस भाव में सूर्य स्थित हो तो उसे वह विद्या एवं बुद्धिबल में विशेष योग्यता प्राप्त होगी। यहां सूर्य सातवीं दृष्टि से भाग्य तथा धर्म के स्थान धनु राशि के नौवें भाव को भी देख रहा है। इस भाव का स्वामी गुरु है। इसके प्रभाव से व्यक्ति बहुत भाग्यशाली होगा। वह धार्मिक कार्यों में भी रूचि रखेगा। तृतीय भाव से तीसरा स्थान सिंह राशि का है अत: यह भाव सूर्य के प्रभाव से गर्म होने के कारण व्यक्ति अधिक शक्तिशाली भी हो जाता है।

तृतीय भाव यानि मिथुन राशि में सूर्य होने से व्यक्ति को भाइयों और संतान से सुख प्राप्त होता है।

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